प्रकृति से खिलवाड़ मत करो | Poem on prakriti

प्रकृति से खिलवाड़ मत करो | Poem on prakriti

प्रकृति से खिलवाड़ मत करो ( Prakriti se khilwar mat karo )   १) प्रकृति से खिलवाड़ मत करो, कुछ सोचो अत्याचार न करो प्रकृति है तो हमारा जीवन है, वरना कुछ भी नहीं I   २) साँस ले तो प्रकृति देती है , साँस दे तो प्रकृति लेती है न होती प्रकृति तो सांसों…