Poem pathar dil

पत्थर दिल | Poem pathar dil

पत्थर दिल ( Pathar dil )   पत्थर फेंक दो मेरे यार पत्थर दिल मत बनो। जोड़ो दिलों के तार बिना बात भी मत तनो।   मत बिछाओ राहों में कंटको के ढेर कभी। मुस्कुरा कर थोड़ा देखो खिलेंगे फूल तभी।   कमियों को नहीं तारीफों के पुल सजाओ। प्यार के मोती सुहाने प्रेम से…