सिया के राम | Poem Siya Ke Ram
सिया के राम ( Siya Ke Ram ) सिया के राम जन्म लेकर, पतित का नाश करेगे अब। ताड़का खर दूषण के संग, नाराधम मारेगे वो अब। धरा पर पाप बढा जब,नारायण राम रूप सज धज, मनोहर रूप भुजा कोदंड, धरा से पाप मिटेगा अब। प्रकट भयो नवमी को श्रीराम,पूर्णिमा जन्म लिए…