प्रभु दो ऐसा वरदान | Prabhu do Aisa Vardan
प्रभु दो ऐसा वरदान ( Prabhu do aisa vardan ) प्रभु!ज्ञान प्रभा शोभित हिय, दो ऐसा वरदान मृदुल मधुर ह्रदय तरंग, स्वर श्रृंगार अनुपम । विमल वाणी ओज गायन, ज्योतिर्मय अन्तरतम । मानस सर नवरस लहर, गुंजित मधुमय गान । प्रभु!ज्ञान प्रभा शोभित हिय,दो ऐसा वरदान ।। दुर्बल छल बल मद माया, प्रसरित जग…