Roohi qadri kavita

आश्चर्य नहीं होता | Roohi Quadri Kavita

” आश्चर्य नहीं होता “ ( Ashcharya nahi hota )   “आश्चर्य नहीं होता” आश्चर्य नहीं होता…. जब देखती हूं तुम्हें असहज परिस्थितियों में भी सहजता से मुस्कुराते हुए। हार -जीत के मन्थन से परे, परिवार के सुख के लिए अपने सपनों को गंवाते हुए। आश्चर्य नहीं होता….. जब तुम रखती हो अपनी अभिलाषाओं की…