भूख | Safalta ki Bhookh par Kavita
भूख ( Bhookh ) चाहे हो दु:ख लाख पालो भूख आप बढ़ने की पढ़ने की आसमां छूने की। भूख बड़ी चीज़ है! भूख ही नाचीज़ को चीज बनाती है वरना यह दुनिया बहुत सताती है बहुत रूलाती है सच को भी झुठलाती है। अधिकारों से भी रखती हमें वंचित मस्तिष्क इनका बहुत ही है…