सजी अवध की पुण्य धरा | Saji Avadh
सजी अवध की पुण्य धरा ( Saji avadh ki punya dhara ) गीत-14-15 सजी अवध की पुण्य धरा, खुशियों की होती बरसात। प्राण-प्राण में राम बसे, प्राण-प्रतिष्ठा की शुभ रात।। सियाराम जय जय राम सियाराम जय जय राम। भव्य भवन के गज हनुमत, सिंह, गरुड़ हैं पहरेदार। चरण पखारे सरयू तट, गूंज रहा है…