शर्मनाक स्थिति

शर्मनाक स्थिति | Kavita

शर्मनाक स्थिति ( Sharmanak sthiti )   ऐसे पिट रहा है साहेब का विदेशों का डंका, आग लगा के रख दी स्वयं की लंका। शवों पर चढ़ शान से सवारी करते रहे, आॅक्सीजन के अभाव में भले हम दम तोड़ते रहे। बिछ गई लाशें चहुंओर, पर थमा ना चुनाव और नारों का शोर। अब मद्रास…