शौक | Shauk
शौक ( Shauk ) जले हैं हाथ हमारे चिरागों से आग की लपटों से खेलने का शौक नहीं उठे हैं सवाल नजरों पर भी हमारे जज्बातों से खेलने का हमे शौक नहीं यकीनन होने लगी है दिल से दिल्लगी किसी के ख्वाबों से खेलने का हमें शौक नहीं जहां बिकने लगी हो चाहतें अब…