Suryakant bali dirghatama

सूर्यकांत बाली के वैदिक उपन्यास “दीर्घतमा” पर परिचर्चा

“सुनो पाञ्चजन्य का नाद तो है स्वर सिंहनादी ललकारो का अबकी बार प्रहार कड़ा हो फन कुचलो मक्कारों का” बसंत महोत्सव पर कवियों ने भी बिखेरा काव्य रंग छिंदवाड़ा – साहित्य अकादमी, मध्यप्रदेश संस्कृति परिषद, मध्यप्रदेश शासन, संस्कृति विभाग का उपक्रम पाठक मंच द्वारा लेखक सूर्यकांत बाली के वैदिक उपन्यास “दीर्घतमा” पर परिचर्चा एव बसंत…