वही मिट्टी वही खुशबू | Wahi Mitti Wahi Khushboo
वही मिट्टी वही खुशबू ( Wahi mitti wahi khushboo ) वही मिट्टी वही खुशबू वही बयार आई है। लौट आओ गांव फिर नई बहार लाई है। गीत गजलों के तराने वही झंकार आई है। बजी मंदिर की घंटियां कर्ण टंकार लाई है। ओढ़कर धानी चुनरिया धरा यूं हरसाई है। हरियाली खेतों में लहरे सरसों…