बहिनिया पुकारे | Bahiniya Pukare
बहिनिया पुकारे
अँखिया के अंगना में रखिहऽ दुलारे
ए भइया तोहरी बहिनिया पुकारे ।
झेंझ नाहीं करी सवनवा में कबो
दिल के दरपनवा में देखिहऽ तूँ अबो
राखी बान्हे तऽ अरतिया उतारे,
ए भइया तोहरी,,,,,।
देई के टीका मिठइया खिआवे
भइया भइया कही के बतियावे
अँखिया में बाकि ना नेहिया निहारे,
ए भइया तोहरी,,,,।
रोपेआ अभागिन होई तवने मांगी
दिल के दुअरिया में फिर कइसे लांघी
भला खाती जलवा तुलसी में ढारे,
ए भइया तोहरी,,,,।
विद्या शंकर विद्यार्थी
रामगढ़, झारखण्ड