जगन्नाथ रथ यात्रा

जगन्नाथ रथ यात्रा: आस्था, एकता और अध्यात्म का महापर्व

पुरी, ओडिशा में हर साल होने वाली जगन्नाथ रथ यात्रा केवल एक धार्मिक उत्सव नहीं है, बल्कि भारत की समृद्ध संस्कृति, अटल आस्था और सामाजिक समरसता का जीता-जागता प्रमाण है। यह वह अनुपम अवसर होता है जब स्वयं भगवान नगरवासी बनकर अपने भक्तों के बीच आते हैं, और सजीव संपर्क स्थापित करते हैं। यह उस महान परंपरा…

डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी

डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी : बलिदान दिवस और उनके संघर्ष की गाथा

हर वर्ष 23 जून को हम डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस के रूप में स्मरण करते हैं। यह दिन भारत की एकता और अखंडता के लिए उनके अतुलनीय योगदान और सर्वोच्च बलिदान की पावन स्मृति है। एक प्रखर राष्ट्रवादी, शिक्षाविद्, चिंतक, कुशल सांसद और भारतीय जनसंघ के संस्थापक के रूप में उनका संपूर्ण…

विश्व योग दिवस

विश्व योग दिवस: शरीर, मन और आत्मा का उत्सव

“योग भारत की प्राचीन परंपरा का एक अमूल्य उपहार है। यह मन और शरीर, विचार और क्रिया की एकता का प्रतीक है; यह स्वास्थ्य और कल्याण के लिए एक समग्र दृष्टिकोण है।” – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (संयुक्त राष्ट्र महासभा, 2014) आज, 21 जून को, हम विश्व योग दिवस मना रहे हैं। यह सिर्फ एक दिन नहीं है,…

Sant Kabir Das

कबीर जयंती: भारतीय चेतना के शाश्वत आलोक-स्तंभ

आज, जब हम कबीर जयंती का पावन पर्व मना रहे हैं, यह केवल एक ऐतिहासिक तिथि का स्मरण नहीं है, बल्कि भारतीय सामाजिक, दार्शनिक और साहित्यिक चेतना के उस अविचल आलोक-स्तंभ का नमन है, जिसने सदियों के अंधकार को भेदकर सत्य, प्रेम और समता का आलोक फैलाया। कबीर केवल एक संत नहीं, बल्कि एक युगद्रष्टा,…

birsa munda

बिरसा मुंडा: एक आदिवासी नायक, एक “उलगुलान” का प्रतीक और आधुनिक भारत की चेतना

बिरसा मुंडा, भारतीय इतिहास के उन चुनिंदा व्यक्तित्वों में से एक हैं, जिन्होंने न केवल स्वतंत्रता संग्राम में अपनी अहम भूमिका निभाई, बल्कि अपने समुदाय के अधिकारों, संस्कृति और अस्मिता के लिए भी आजीवन संघर्ष किया। उनका नाम सुनते ही ‘उलगुलान’ (महान विप्लव) की गूंज सुनाई देती है, जो ब्रिटिश साम्राज्यवाद और उसके सहयोगी ज़मींदारों…

भारतीय साहित्य और तहज़ीब, संस्कृति को बचाने में बाल साहित्य का योगदान

भारतीय साहित्य और तहज़ीब, संस्कृति को बचाने में बाल साहित्य का योगदान

प्रस्तावना: भारतीय साहित्य और संस्कृति की समृद्ध विरासत को संरक्षित और संवर्धित करने में बाल साहित्य एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह न केवल बच्चों को मनोरंजन प्रदान करता है, बल्कि उन्हें अपनी जड़ों से जोड़ने, नैतिकता सिखाने और भाषा एवं परंपराओं के प्रति जागरूक करने का कार्य भी करता है। उपसंहार/ निष्कर्ष : भारतीय…

ईश्वर

ईश्वर: एक अदृश्य शक्ति का सजीव अनुभव

ईश्वर, एक ऐसा शब्द है जिसे सुनते ही हमारे भीतर शांति और सुकून की अनुभूति होती है। यह महज़ एक नाम नहीं, बल्कि एक ऐसी दिव्य शक्ति है, जो सब कुछ नियंत्रित करती है, सब कुछ संभालती है। ईश्वर किसी एक विशेष रूप में सीमित नहीं है। वह कण-कण में व्याप्त है, हर जीव, हर…

हरियाली तीज उत्सव

हरियाली तीज उत्सव | Hariyali Teej Utsav

परिचय हरियाली तीज उत्सव, जिसे तीज के नाम से भी जाना जाता है, एक प्रतिष्ठित हिंदू त्योहार है जो मुख्य रूप से भारतीय उपमहाद्वीप में मनाया जाता है। यह हिंदू महीने श्रावण के शुक्ल पक्ष के तीसरे दिन पड़ता है। 2024 में, यह 7अगस्त को मनाया जाएगा। यह त्यौहार देवी पार्वती को समर्पित है, जो…

गुरु पूर्णिमा: एक श्रद्धांजलि गुरुओं के प्रति

गुरु पूर्णिमा: एक श्रद्धांजलि गुरुओं के प्रति

प्रस्तावना: भारत की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर में गुरु का स्थान अत्यंत महत्वपूर्ण है। गुरु पूर्णिमा एक ऐसा पर्व है जो गुरु-शिष्य परंपरा की महत्ता को दर्शाता है। यह पर्व विशेष रूप से शिक्षा, ज्ञान और मार्गदर्शन के क्षेत्र में गुरु के योगदान को मान्यता देने और सम्मानित करने का एक अवसर है। गुरु पूर्णिमा का…

समाज के नवनिर्माण में साहित्य की भूमिका

समाज के नवनिर्माण में साहित्य की भूमिका

समाज के नवनिर्माण में साहित्य की भूमिका प्रस्तावना : साहित्य मानव समाज का एक महत्वपूर्ण अंग है। यह समाज के विभिन्न पहलुओं को प्रतिबिंबित करता है और समाज के नवनिर्माण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। साहित्य न केवल मनुष्य के विचारों, भावनाओं, और अनुभवों का संग्रह है, बल्कि यह समाज के सुधार और विकास…