Film Script Pyar ki Had

प्यार की हद | Film Script Pyar ki Had

प्यार की हद

( फिल्म स्क्रिप्ट )

परीक्षा रेस्टोरेंट की टेबल पर बैठे जोडे समर्थ और परी एक दुसरे की आँखो मे डूबे हुये एक ही प्याली से कॉफी पीते हुए, प्याली खाली होने के बाद दोनो खाली प्याली ही सुपुड-सुपुड करने लगे, अगल-बगल के लोग हंसने लगे |

हंसी सुन परी और समर्थ सर्माये, शर्माती हुई लड़की बेटर को मेनेजर दोस्त तनिस्का ने हिलाया, बेटर परी ने सामने देखा तो समर्थ अपनी गर्ल फ्रेंड के साथ बस कॉफी पी रहा है, गर्लफ्रेंड परी गौतम तो मोबाईल मे बिजी है |

दोनो निकल गये | टेबल साफ करती एक बेटर दोनो को जाते हुये देख रही है | परी को देखते हुए पीछे से तनिस्का आई, तनिस्का ने परी को समझाया,देखो समर्थ को बोल दो की आप कौन हो और आप उनसे प्यार करती हो, (तनिस्का मुस्कुराते हुए बोली ) नही तो आज कॉफी,कल शादी,परसों बच्चे,फिर आप बुआ बनके खिलाना बच्चों को ?? दोनो मुस्कुराये |

शीन -2
अगले दिन वेटर परी अपने फोन पर समर्थ की फोटो देख मुस्कुरा रही है,तनिस्का ने समर्थ को आते देख परी को इशारा किया,पर परी खोई थी,तभी समर्थ आकर सीधा परी के पास आ खडा हुआ, तनिस्का बात सम्भालती हुई चिल्लाई, ऐ वेटर ?? परी चौंक कर उठी, पीछे खडे समर्थ की बांहो मे आ गिरी, आँखे मिलीं, तनिस्का ने माथा पीटा,समर्थ गुस्से से चिल्लाकर बोला, बत्तमीज, दिखाई नही देता, परी घबरा कर उठी, बोली सॉरी सर, माफ कीजिये, तुम्हे नौकरी से निकलवा दूँगा कहते हुए समर्थ ने वेटर को धक्का दे पीछे किया, सारा स्टाफ आगे बढे,वेटर के हल्के इशारे ने सब को रोक दिया | फिर एक बार बोली,गलती हो गई सर,माफ कीजिय,बोल कर अन्दर गई,पीछे से तनिस्का भी गई |समर्थ भी झल्ला कर चला गया |

शीन -3
सुबह के समय,(वेटर)परी भंडारी,तनिस्का और कुछ वी.आई.पी.लोगों के साथ एक 5 स्टार होटेल से निकलती हुई,वी.आई.पी.लग रही है,चलने का स्टाइल,शूट,चश्मा,घडी,खुले बाल,खिला-खिला चेहरा और नौकरों की टीम | की तभी परी भंडारी की नजर एक लग्गजरी कार के पास खडे समर्थ पर पडी, परी थोडा थमी,फिर सारे वी.आई.पी.लोगों से बोली-आप सब को थैंक्स,जल्द मिलते हैं | सब सलाम ठोंक निकले | अब परी ने (सिलो मोशन मे )चलते-चलते शूट उतारा,घडी,चश्मे,आदि निकाल तनिस्का को थमातनिस्का के कान मे कुछ बुदबुदाया,और पहुँच गई सादा कपडों मे वेटर के रूप मे समर्थ के पास |

शीन -4
समर्थ,ड्रिंक पीती हुई परी गौतम की लग्जरी कार के साथ फोटो शूट कर रहा है,अब ऐसे,अब बैसे स्टाईल पोज |वेटर को कार के पास खडे देख परी ने समर्थ से कहा,ये लो,इसने तो मूड खराब कर दिया,चलो ?समर्थ वेटर को देखते हुए बोला-तुम यहां भी आ गई,चाहती क्या हो?वेटर ने कहा,मै तो यहां से निकल रही थी, तो आपको देख रुक गई, कल के लिये आपने मुझे माफ कर दिया ?

तभी समर्थ झल्लाकर बोला,जाओ यहां से,वेटर सहम कर पीछे हुई तो ड्रिंक पीती हुई परी को धक्का लगा,जिससे ड्रिंक कार पर गिरा, कार के ड्रायवर ने देखा, तो भाग कर आया, परी पर आग उगलते बोला-ए लड़की, ये क्या किया, पूरी गाडी खराब कर दी,परी अकड कर बोली,जुवान सम्हाल कर बात करो,वर्ना एक थप्पड मे तेरी हेकडी निकाल दूँगी |

ड्रायवर बोला-ओ मैडम ? जुवान पर लगाम दो,ऐसे उडना ना आपको परेशानी मे डाल सकता है | परी समर्थ की ओर देख कर गुस्से से बोली,ये यहां मेरी बेज्जती कर रहा है,और तुम….( घूरते हुये )चुप-चाप तमाशा देख रहे हो ??

समर्थ सुनते हुये आगे बढ़ ड्राईवर के गाल पर धर दिया,ड्राईवर को पिटते देख गार्ड आये,और समर्थ को धक्का दे थप्पड मार दिया |

परी गौतम समर्थ को पिटता देख भाग खडी हुई, समर्थ गाल पर हांथ रख शांत हो, जाती हुई परी को देख दुखी हुआ,तभी वेटर ने तनिस्का को इशारा कर आगे आई, मोर्चा सम्हालते हुए ड्राईवर और गार्ड के सामने आ कर कहा, मै इसे साफ कर देती हुं,आप शांत हो जाईये | ड्राईवर बोला,ये हुई बात,पर ये तो गलती के बाद मार पीट पर आ गया |

वेटर आगे आ ड्रायवर से पानी और कपडा मांगा, ( वेटर लड़की का समर्थ को बचाना वेटर की ओर समर्थ आकर्षित होने लगा) |अचानक उस कार को मात देती हुई बहुत लग्जरी कार,जो की खडी कार से कहीं ज्यादा महंगी और लग्जरी थी,आ कर बगल मे रुकी | समर्थ के साथ सबकी की आँखे खुली की खुली रह गईं |

तभी ड्रायवर ने कार मालिक को आते देख वेटर को पानी और कपडा देते हुए साफ करने बोला, वेटर कार साफ करने आगे बढ़ी ही थी की कार का मालिक आ कर बोला, मैडम, मैडम आप…आप..ये क्या कर रही है, तभी ड्रायवर ने बताया की किसी दूसरी लड़की ने ड्रिंक गिराया और इस लड़के ने मारपीट की, इसे बचाने ये लड़की साफ कर रही है |

ड्रायवर की बात सुन मालिक ने ड्रायवर को थप्पड मार मैडम और सर से माफी मांगने बोला, ड्रायवर, गार्डों के साथ मालिक ने भी माफी मांगी, वेटर ने कार मालिक को तनिस्का की ओर इशारा किया, मालिक तनिस्का के पास गया, (मूक बात हुई),कार मालिक वापस आया, बिना कुछ बात किये हांथ जोड निकल गया |

ये सब शीन देख समर्थ को कुछ समझ नही आया,की ये लोग एक वेटर को देख कार का मालिक माफी क्यों मांगने लगा,समर्थ कुछ पूंछे,उससे पहले उस वी.आई.पी.लग्जरी कार की लेडी ड्रायवर मिनी ने हौर्न बजा समर्थ को बुलाया,इधर वेटर जा चुकी है |समर्थ गया तो मिनी ने लौंगड्राईव का ऑफ़र दिया,समर्थ ने मना करते हुए पीछे घूमा,तो वेटर जा चुकी थी |समर्थ यहां वहां देखने लगा,थक कर जमीन मे बैठ गया |

शीन -5
सुबह चिडियों के कोलाहल के बीच शोर मचाती शहर की गाडियाँ,सूरज दादा भी अपनी किरणों को धरती पर बिखेर खुश हो रहे हैं | उस शोर के बीच रेस्टोरेंन्ट खुलने के इंतजार मे शांत बैठा समर्थ, तभी एक कार मे परी गौतम किसी दूसरे लड़के के साथ जा रही है,समर्थ ने गौर से देखा,लडखडाता हुआ पीछे से आवाज देता हुआ भागा,परी…परी बेबी..सुनो..रुको..परी..परी,,परी ने एक बार भी पलट कर नही देखा,वह तो उस दूसरे लड़के के साथ मस्ती करती फुर्र से निकल गई |

समर्थ सिर पकड रोड मे ही बैठ गया,तभी पीछे से आती हुई लग्जरी कार ने हौर्न दिया,समर्थ पलटा,तो मिनी थी,मिनी ने गाडी रोक गेट खोल समर्थ को बैठने कहा, समर्थ ने ना कहा,मिनी बोली,तुम्हारी गर्ल फ्रेंड को पकडना है ना?

समर्थ ने हैरान हो मिनी की तरफ देखा,देर ना करते हुए तुरंत गाडी मे बैठा,बोला जल्दी चलो,उसका पीछा करो |मिनी ने मुस्कुराते हुये गियेर डाला,स्पीड बढ़ा आगे वाली गाडी के पीछे चल दी |

मिनी बोली-है कौन साथ मे,भाई है,या….(स्माइल के साथ समर्थ को देख बोली)….नया बॉय फ्रेंड ?? समर्थ बोला-पता नही,वो तो मिलने के बाद पता चलेगा |

मिनी ने गाडी बढ़ाई,कुछ देर बाद आगे वाली गाडी एक 5 स्टार होटेल मे रुकी,रुकी गाडी देख समर्थ बोला-रुको..रुको,वो गाडी रुक गई है,
..रुको मिनी ने गाडी मे ब्रेक दी, परी गौतम उस लड़के के साथ उतरी,बांहो मे बांहे डाल 5 स्टार होटेल की ओर चल दी, पीछे से मिनी के साथ समर्थ भी निकला,समर्थ ने होटेल के मैनेजर से दोनो के रूम की जानकारी मांगी, उसने तो लताड दिया,समर्थ हताश हो बाहर सीढ़ी पर बैठ गया, तभी मिनी ने मैनेजर से कुछ बात की, मैनेजर तो उठ खडा हुआ,हांथ जोडे,फिर बाहर आया, समर्थ से माफी मांगते हुये समर्थ को अंन्दर ले गया |

अब मैनेजर खुद समर्थ और मिनी को उस रूम तक ले गया,जहां परी गौतम अपने दोस्त के साथ थी | मैनेजर ने खुद गेट नॉक किया,लडके की आवाज आई कौन ??? मैनेजर बोला,सर मै मैनेजर |

अन्दर गेट से झांकते हुये जरा सा गेट खोल बोला -क्या हुआ ? तभी समर्थ और मिनी,गेट को धक्का देते हुये अन्दर घुसे,टॉविल मे खडा लड़का पूँछता,रोकता,देखता रह गया | समर्थ ने परी को इस तरह देखा,जिसकी समर्थ ने कभी कल्पना भी नही की थी |

समर्थ की आँखों से आंसू तो झरने के जैसे बह रहे है,परी गौतम को यकीन नही हो रहा है,की समर्थ कैसे पहुँचा,समर्थ बोला-परी,ये कौन है,परी कुछ बोलती उससे पहले लडका बोला-मै निहाल,परी का बॉयफ्रेंड,तुम कौन हो ?इस तरह अन्दर कैसे आये ??

तभी परी बोली,स..समर्थ…मै..मै..वो..मु..मुझे..म..माफ कर दो,हमारे बि..बीच ऐ..ऐसा क..क..कु..कुछ नही है,समर्थ कुछ बोले बिना ही रोते हुए वापस आ गया,परी गौतम सिर पकड बैठ कर रोने लगी,बोली सब खत्म हो गया,निहाल बोला-बेबी कौन था ये ? परी गौतम रोती हुई बोली-तुम कौन हो ?? ( सिर पकडते हुए ) ये क्या कर दिया मैने |

शीन -6,
एक घर, जो आलिशान महल से कम नही, नौकरों की लाइन लगी है, पर चाय नाश्ता बनाते हुए परी के पिता आनंद भंडारी ने आवाज दी,परी,बेटा परी उठो,वापस आवाज नही आई, तो आनंद जी खुद चाय की दो प्यालियां ले परी के रूम मे गये |

बिस्तर पर बैठ परी के सर पर हांथ फेरते हुए बोले-उठो बेटा, परी ने मुस्कुराहट के साथ आँखे खोल पिता के गले लग गई | फिर चाय की प्याली उठा दोनो ने चियर्श कर पीना शुरू किया |

पिता बोले-फिर कैसा चल रहा है मिशन समर्थ का ?तुम कहो तो मै कुछ मदद करूँ ??क्योंकि समय कम है हमारे पास | परी बोली-नही पापा,सब ठीक चल रहा है और बहुत जल्दी मिशन सक्सेस होने वाला है |

पापा,अब तो बता दीजिये ना, आपने क्या प्रोमिश किया था अपने दोस्त को ?? पिता बोले-बेटी, जब तुम 5 वर्ष की थीं, बात तब की है, जब मेरा दोस्त,,,,,

शीन-7,
आनंद भंडारी और उनके दोस्त विनोद शाह की मिशाल हर बिजनेश मे दी जाती थी,की पार्टनर हों तो इनके जैसे,बिनोद अपने 7 साल के बेटे को लेकर आनंद के घर आये, आनंद की 5 साल की बेटी परी को देख विनोद बोले-यार आनंद, क्यों ना हम आज और क्लोज हो जायें, आनंद बोले-मै कुछ समझा नही ??

विनोद बोले-यही की मेरा बेटा तुम्हारा और तेरी बेटी मेरी हो तो ? आनंद बोले-मतलब दोनो की शादी ??विनोद हंसे,बोले-हाँ उसके बाद मै और तुम एक साथ,एक घर मे रहेंगे अपने एकलौते बच्चों के साथ,क्या कहते हो ?? आनंद बोले-नेकी और पूँछ-पूँछ दोनो मुस्कुराये,खडे हो गले मिले,मिठाईयां मंगा मुंह मीठा किया,विनोद बोले-चलो,इंतजार करते हैं बच्चों के बडे होने का | 3 माह बाद….,

शीन-8,
विनोद के घर आधी-रात एक नकाब-पोश गुंडा कुछ चमचों के साथ आ धमका,सोते हुए विनोद की खोपडी मे गन रखी,विनोद हड-बडा कर उठा,गुंडा बोला-ज्यादा होशियारी मत करो,जो कहता हूँ करो |विनोद सम्हलते हुए बोला-क्या चाहिये तुम्हे,बोलो क्या करना है मुझे |

गुंडा बोला-अभी अपने पार्टनर को फोन लगा,और बोल की तूने अपने सारे शेयर D.G.भाई के नाम कर दिये है,फिर चुपचाप इन पेपर मे शाइन कर,विनोद ने मना किया | गुंडे ने जोर देते कहा,करता है की नही ?शोर सुन विनोद की पत्नी और बेटा भी उठ गये,पत्नी ने घबराते हुए पूंछा-अरे,कौन है ये लोग ?

फिर गन को देख रोते हुए छोडने को कहा |विनोद के ऊपर से गन हटा पत्नी पर रखते हुए गुंडा बोला-मेरी बात मानो, नही तो तेरी बीबी को मार दूँगा | विनोद बोला-कभी नही,मै मर जाऊँगा,पर अपने दोस्त को कभी धोखा नही दूँगा, गुंडा चिल्लाया,फिर हांथा-पाई हुई,उसी बीच गुंडे से गन चल गई, विनोद की पत्नी गंभीर रूप से घायल हुई, गुंडे गन फेंक भागे,विनोद ने गन उठा फायर किया,सब बच निकले, एक गोली गुंडे के लेफ्ट कंधे पर लगी,वापस आ विनोद ने ऐंबूलेंस को फोन किया,पर ये क्या??

ऐंबूलेंस के पहले पुलिस आ गई,वहां का नजारा देख पुलिस हैरान-,,बच्चा रो रहा है,रोता हुआ विनोद अपनी बिलखती हुई घायल पत्नी का हांथ पकड दिलाशा देता है,की तुम्हे कुछ नही होगा,पास पडी हुई गन |पुलिस को देख विनोद दास्तांन बताने बढ़ा ही था,की पुलिस ने बीबी का कातिल कहते हुए हांथकडी पहना दी |विनोद की कोई सफाई पुलिस सुनने तैयार नही,पत्नी को और सदमा पहुँचा,और विनोद की पत्नी ने दम तोड दिया |

शीन-9,
सुबह-सुबह अखबार मे खबर पड़ता आनंद,यकीन नही हुआ,आनंद फौरन गाडी उठा जेल पहुँचा,सारे सबूत विनोद के खिलाफ है,गन मे भी विनोद के फिंगर प्रिंट विनोद को कातिल साबित कर रहे थे |

आनंद और विनोद के मिलने की घडी आई,आनंद ने विनोद से डब-डबाई आँखों और भरे स्वर मे पूंछा,क्या हो गया दोस्त,खबर पढ़ यकीन ही नही हुआ | विनोद फूट-फूट कर रोते हुए आनंद के गले लग गया,सारी दास्तांन सॉर्ट(मूक) मे बताई |

मिलने का टाइम समाप्त हुआ,जाते हुए आनंद ने विनोद से सब ठीक होने कहा |लाख कोशिस करने के बाद भी अगली तारीख मे उम्र कैद की जगह 15 साल की सजा दी,जाते हुए विनोद ने आनंद के कान मे बुद-बुदाया-समर्थ को बिना किसी सुख- सुबिधाओं के मजबूत बनाना है,ये तेरी ज़िम्मेदारी है,आनंद ने गले लगते हुए हां मे सर हिलाया |
शीन-10,
सुनती हुई परी की आँखे भर बहने लगीं,पापा के गले लग परी बोली-इतने दुख ?? लेकिन पापा,समर्थ इस तरह रहने के लिये क्यो मजबूर है ,उसने 15 साल अनाथ-आश्रम मे काटे,उसे अपने साथ भी तो रख सकते थे ??

आनंद बोले-रख सकते थे बेटा,पर नही रखा,ताकि वह अकेला इतनी सारी दौलत देख रास्ता ना भटके और दौलत के कारण उसके कोई दुश्मन ना हों | और सबसे खास यह की दुनिया भर की सारी अच्छाई-बुराई की पहचान कर लोगों की भी पहचान हो जाये,फिर ये सब कुछ तुम दोनो का ही है |

परी ने हां मे सर हिला पापा से बोली-पापा,आप बिल्कुल टेंशन ना लीजिये,जल्दी आपसे मिलाऊंगी |ओके पापा,मै निकलती हूँ |बाय |पापा ने भी बाय किया | बाहर आ मिनी ने परी को बैठा गाडी बढाई, परी भंडारी को गाडी चलाती मिनी ने कहा-मैडम, कल समर्थ सर ने अपनी गर्लफ्रेंड को रंगे हांथ 5 स्टार होटेल के रूम मे पकडा किसी निहाल के साथ,वापस मे बहुत रो रहे थे, परी बोली-फिर क्या हुआ??

परी बोली-उन्हें कुछ पता तो नही चला ना ?? मिनी बोली-नही मैम,मुझसे पूंछा की क्या करूँ,कुछ समझ नही आ रहा है,तो मैने कहा,सर मेरे हिसाब से तो अगर आप उसे ना पा सको, जिसे आप चाहते हो?? तो उसे जरूर पा लेना चाहिये जो तुम्हे चाहता हो,फिर उन्होने कहा क्या तुम मुझे चाहती हो ??परी मुस्कुरा कर बोली-फिर ??

मिनी बोली-मैडम मैने कह दिया सर मै तो पहले से शादी-सुदा हूँ,परी और मिनी हंसे,मिनी बोली-फिर उन्होने बोला,तुमने मेरे दिल का बोझ हल्का कर दिया,थैंक्स | परी बोली-चलो अच्छा हुआ,और पापा की बातें सोचने लगी |

थोडा आगे निकले ही थे की कुछ लडकियों के साथ परी गौतम रोते हुए भागी जा रही है,मिनी ने अचानक गाडी रोकी,परी भंडारी ने पूंछा,क्या हुआ,मिनी बोली मैडम,सर की गर्लफ्रेंड रोती हुई भाग रही है ??

परी ने कांच खोल देखा तो परी गौतम भाग रही है,बोर्ड देखा तो कब्रिस्तान लिखा हुआ है | पास खडे गार्ड से परी ने पूंछा,क्या हुआ भैया ?? गार्ड बोला-मैडम किसी लड़के ने सोसाइड कर ली है, परी भंडारी बोली-क्यूँ , कौन है,गार्ड बोला-वो तो नही पता मैडम, पर सुना है की उसने अपनी गर्ल-फ्रेंड को किसी और लड़के के साथ देख लिया था,इसलिये…गार्ड की बात अधूरी छोड परी भंडारी ने कार का गेट खोल समर्थ – – समर्थ चिल्लाती हुई भागी,आँखे भर आयीं,मिनी भी पीछे-पीछे घबराई भागी,दोनो गेट के अन्दर |

शीन-11,
भीड को चीरती हुई रोती-बिलखती परी भंडारी आगे पहुँची,देखा तो कब्र को ढंक कर लोग प्रे (प्रार्थना)कर रहे है,परी भंडारी ने नजरें घुमाइं,तो परी गौतम के बगल मे निहाल को खडा देख मिनी ने परी भंडारी को इशारा किया, मैडम यही है निहाल |

परी गौतम और परी भंडारी ने एक दूसरे को देखा,परी गौतम बस दुखी है,पर परी भंडारी बिलख रही है,परी गौतम को रोते हुए गुस्से से देख आगे कब्र की ओर दौडी,कब्र के पास जा कर अपने हांथों से कब्र की मिट्टी हटाते हुए चिल्ला-चिल्ला कर समर्थ-समर्थ कह रोये जा रही है |

ये सब देख वहां खडे सारे लोग भौंचक्के रह गये, परी गौतम को अच्छा खासा सॉक लगा, की इस वेटर को क्या हुआ तभी मिनी परी भंडारी को पकडने भागी, पास पहुँच मिनी ने जैसे ही हांथ परी भंडारी को पकडने बढाया,तभी अचानक मिनी से पहले एक हांथ परी भंडारी के कांधे पर आ रखा, मिनी ने पलट कर देखा तो समर्थ था, मिनी के चेहरे के भाव बदल गये,फिर समर्थ ने आगे बढ़ परी भंडारी को उठाने की कोशिस की, पहले तो परी ने हांथ हटा कर फिर मिट्टी हटाते हुए रोती हुई समर्थ-समर्थ चिल्लाती रही |

अब समर्थ समने आ कर परी भंडारी को उठाने की कोशिस की,परी ने उठाने वाले का चेहरा देखा,तुरंत खडी हो समर्थ से लिपट कर रोने लगी,समर्थ भी गले लगा कर बोला-मुझे माफ करदो,मै तुम्हारे प्यार को कभी समझ ही नही पाया,दोनो भीड से बाहर आ गये |

उसी वक्त परी गौतम समर्थ के पास आ कर बोली-समर्थ ?? तुम मुझे छोड कर इस वेटर के साथ हो ?? समर्थ बोला-वेटर है तो क्या हुआ,मुझसे प्यार करती है | फिर मै कौन किसी बडे बाप का बेटा हूँ ?

परी गौतम बोली-तुम ऐसा नही कर सकते,तुम तो मुझसे प्यार करते थे ?समर्थ बोला-प्यार,हां,करता था प्यार,पर तुम्हारी सच्चाई जानने के पहले तक,और शर्म तो आ नही रही होगी मुझसे बात करने में, समर्थ वेटर का हांथ पकड बोला-तुमने अपना नाम तो बताया ही नही,क्या मै तुम्हे वेटर कह के बुलाऊँ ?

परी भंडारी बोली-परी |समर्थ के साथ परी गौतम ने भी परी की ओर देखा, समर्थ बोला- क्या ?? वेटर बोली-हां,परी ही नाम है मेरा, पर सच-सच बताओ, तुम एक मामुली वेटर से प्यार निभा तो पाओगे ना ??

समर्थ बोला-देखो परी, तुम क्या हो मुझे कोई फर्क नही पड़ता, अरे मै तो किस्मत वाला हुं जो तुम जैसी प्यार करने वाली लड़की को पाया है, (नफरत से परी गौतम की ओर देखते हुए बोला) वर्ना मैने जिसे अपना साब कुछ माना था,उसने तो मुझे धोखा ही दिया है,कहीं का नही छोडा |

परी गौतम ने सिर झुका लिया |फिर समर्थ बोला-मुझे तो कुछ समझ नही आ रहा था,पर (मिनी की ओर मुस्कुराते हुए देख बोला ) फिर किसी ने कहा,अगर तुम उसे न पा सको जिसे तुम प्यार करते हो?? तो उसे जरूर पा लेना जो तुम्हे प्यार करता हो,देखो मैने तुम्हे पाया,ये है मेरी परी |परी भंडारी और समर्थ गले मिले |

समर्थ बोला-परी,,,तुम्हारा और मिनी क क्या रिस्ता है ?? परी भंडारी बोली-हम दोनो अच्छे दोस्त हैं,और हाँ..तुम्हारे लिये बहुत खास सरप्राईज है,आज 8 जून है,3 दिन बाद 11 जून को सुबह 10 बजे हम दोनो रेस्टोरेंट मे मिलेंगे,तक कोई सबाल मत करना,बस सरप्राईज का इंतजार करो |

शीन-12,
अगले दिन रेस्टोरेंट मे ग्राहकी चालू है,तभी अकेला समर्थ आता है,चारो ओर नजरें घुमाते हुए देख रहा है,उसी बीच आवाज आई,सर,,,समर्थ पलटा तो तनिस्का थी | समर्थ तनिस्का की ओर बढा, तनिस्का बोली-ये रही आपकी टेबल, बैठिये सर, क्या लेंगे आप ?? समर्थ की नजरें अभी भी किसी की तलाश मे है, तनिस्का ने फिर पूंछा, सर क्या लेंगे आप ?? समर्थ बोला-बस एक कॉफी | तनिस्का बोली-अभी लाई सर…और निकल गई |

समर्थ की नजरें अभी भी किसी की तलाश मे है,कुछ समय गुजरा ही था,की अचानक समर्थ की टेबल पर कॉफी की प्याली रखी,समर्थ ने मुड कर देखा तो आँखो की तलाश पूरी हो गई, कॉफी लेकर खुद परी भंडारी(वेटर) आई है |समर्थ उठ खडा हुआ,बोला-कहां थी,मै काब से ढूंड रहा हूँ तुम्हे ??

वेटर (परी)बोली-मै तो अपने काम पर हूँ,समर्थ बोला-परी,बैठो ना,मेरे साथ कॉफी पियो,परी बोली-अरे नही,मै तो यहां एक मामुली वेटर हुं,मेरी नौकरी का सबाल है, नही मै नही पी सकती,इतना कहते हुए निकल गई |

समर्थ देखता रह गया |जैसे वापस मुडा तो अपनी टेबल पर मिनी को पाया,चोंक कर बोला-अरे तुम?? यहां कब आईं ?मिनी बोली-आपको परी यानी वेटर के साथ कॉफी क्यों पीनी है,उससे प्यार हो गया है क्या ??

समर्थ मुस्कुराया,बोला-हाँ,प्यार हो गया है |मिनी बोली-कितना प्यार करते हो ??समर्थ बोला-इतना,की शायद 7 जन्मो मे भी खत्म ना हो ?मिनी बोली-अच्छा,मुझे भी तुमसे प्यार है,समर्थ बोला-पर तुम्हारी तो शादी हो चुकी है ना ??

मिनी ने कहा-नही,मैने झूँठ बोला था,दरासल मुझे तुमसे प्यार है | समर्थ बोला-मै तो सिर्फ और सिर्फ परी से ही प्यार करता हुं |मिनी बोली-कहां तुम और कहा वो वेटर,इस रेस्टोरेंट मे छोटी सी वेटर है, मुझे देखो, क्या कमी है मुझमे,( इतराते हुए एक्शन से ) हंसीन हुं, यंग हुं, अमीर हुं और तुम्हे काम करने की भी जरूरत नही है, (रोमांटिक होते हुए ) बस तुम्हे मुझसे प्यार करना है |

समर्थ मुस्कुराया,बोला-देखो मिनी,तुम सही कह रही हो,लेकिन इस जन्म मे मुझे तुम्हारी दोस्त परी के अलावा कुछ भी नही चाहिये और मौत के सिबा मुझे कोई भी मुझे तुम्हारी दोस्त परी से जुदा नहीं कर सकता,उसके लिये कुछ भी कर सकता हुं | मिनी बोली-ठीक है,(हांथ बढ़ाते हुए) आज से हम अच्छे दोस्त तो बन सकते हैं ?? समर्थ बोला-दोस्त ?? ( मुस्कुराते हुए हांथ बढाया )हाँ,क्यों नही,दोनो ने हांथ मिलाया |

शीन-13,
अगले दिन समर्थ आया,चुप-चाप बैठा,तनिस्का आई,और्डर पूँछने पर समर्थ ने वेटर परी को बुलाने बोला,तनिस्का गई,वेटर परी आई बोली-क्या लेंगे आप?? समर्थ ने अपनी जेब से एक लैटर निकाल परी को थमा दिया |समर्थ बोला-परी,इसे ले जाओ,पढने के बाद मेरा और्डर ले आना |वेटर परी मुस्कुराती हुई अन्दर गई,मिनी और तनिस्का के सामने लैटर खोल पढ़ना सुरू किया ||[ लैटर–>दुनिया मे मुझे सबसे प्यारी तुम, या कहूँ की तुम ही मेरी सारी दुनिया हो |

जब से मैने तुम्हारे प्यार को जाना है,मै सोचता हुं मै कितना किस्मत वाला हुं,की तुम मेरी जिन्दगी मे आई हो |तुम्हारे बाद मुझे और कुछ नही चाहिये,तुम्हारा प्यार मेरी जिन्दगी है,तुमसे मिलकर “प्यार की हद”समझ आई | तुम अगर ना कहोगी, तो ….🤣…तो तुम्हारी सहेली मिनी तैयार है …(परी के साथ मिनी और तनिस्का जोर से हंसे ) आगे-> चेहरे पर मुस्कान आ गई हो तो आगे पढो, मेरी प्यारी परी, आज इस रेस्टोरेंट मे तुम्हारा आखरी दिन है, मैने हमारे लिये एक नया घर लिया है,तुम्हारी जरूरत का हर समान वहां मौझूद है, तुम्हारी हेल्प के लिये मै हूँ, तुम्हारा हर हुक्म सर-आँखो पर होगा |

मेरी इच्छा है,की तुम आज एक कॉफी लाओ,जिसे हम दोनो एक ही प्याली मे खत्म होने तक सुपुड-सुपुड कर के पियेंगे |तुम्हारा ~ समर्थ शाह ]तनिस्का और मिनी ने परी को गले लगा बधाई दी |

.. यहां ..इंतजार करता समर्थ की निगाह गेट पर टिकी है,तभी परी वेटर एक प्याली कॉफी ले कर आई,समर्थ के सामने बैठ गई,हल्की मुस्कान के साथ दोनो की नजरें मिलीं,एक ही प्याली से दोनो ने मुस्कुराते हुए कॉफी खत्म की ||

शीन-14,
दिनांक 11 जून,10 बजे सुबह परीक्षा रेस्टोरेंट पर परी,समर्थ,मिनी,तनिस्का मिले,गाडी मे बैठ निकले,परी ने फोन लगाया बोली- पापा,हम निकल चुके है,15 मिनट मे मैं और समर्थ पहुँच जायेंगे | आवाज-आई प्राउड ऑफ यू बेटा,तुमसे यही उम्मीद थी, तुम फिक्र न करो, मै तुम्हारा इंतजार कर रहा हूँ ,आ जाओ |

परी ने जी पापा कहते हुए कॉल कट की | समर्थ से रहा नही जा रहा है,समर्थ बोला-परी,प्लीज बताओ ना मुझे,हम कहां,किस-लिये जा रहे है ?? परी बोली-ये समझो,तुम्हारी जिन्दगी मे एक नया मोड आने वाला है, खुशियां तुम्हारा इंतजार कर रही हैं |

समर्थ की उत्सुक्ता बढती जा रही है,समर्थ बोला-मुझसे रहा नही जा रहा है,कुछ तो बताओ,प्लीज ??परी समर्थ का हांथ पकडते हुए बोली, मुझ पर भरोसा रखो,सब बहुत अच्छा होने वाला है |

कुछ देर बाद गाडी रुकी,सब उतरे,परी भागी,पास खडे अपने पापा से लिपट गई,पीछे तनिस्का के साथ समर्थ और मिनी भी आये,परी के पापा को देख समर्थ बोला-आप….आनंद भंडारी जी हैं ना??

आनंद ने सिर हिला हाँ कहा,समर्थ बोला- प..परी आपकी बेटी है,आनंद ने फिर हाँ मे सिर हिलाया,समर्थ नर्वस हो बोला,मतलब परी वेटर नहीं,परी भंडारी है,चारो ओर देखने लगा,ये क्या जेल ???

समर्थ ने मिनी से कहा-हम जेल किस लिये आये हैं ?तभी जेल क गेट खुला,बाहर एक आदमी आया,बडे-बडे बाल,दाढ़ी,मूछ भी बडी-बडी,उसे देख परी के पापा भागे-भागे गये,गले लगा कर खुशी से रोने लगे |

समर्थ को कुछ समझ नही आ रहा है,पास खडी गाडी पर टिक सिर झुका खडा हुआ,मन मे लाखों सबाल चल रहे है,जबाब एक भी नही है,इसी बीच समर्थ को एक आवाज आई,बेटा..एक पल बाद फिर आवाज आई, बेटा समर्थ..समर्थ ने सिर उठा आवाज की ओर देखा,तो बाहें फैलाये जेल से निकला वही आदमी आवाज दे रहा है |

परी आगे बढ़ी,समर्थ से बोली-आपके पापा विनोद शाह हैं,जाओ |समर्थ के आंसू बहने सुरू हुए,भाग कर पिता के गले लग गया,काफी देर तक,सब की आँखे भर आईं |

शीन-15,
समर्थ के नये घर मे सब बैठे है,परी ने बताया-पापा,,समर्थ ने ये घर अपनी मेहनत से लिया है,हमारे लिये,इसलिये हम अंकल को यहां ले कर आये हैं | आनंद बोले-बहुत अच्छा किया बेटा,विनोद भी पहले जैसे लगने लगे |

परी बोली-अंकल आपको पता है,आज पापा बहुत खुश है,आपको पता है,आप वहां जैसे रहे है,पापा भी यहां उसी तरह रहते थे,जमीन मे पंखा लगा के सोना, रुखा-सूखा खाना,सिंपल कपडे पहनना,और एक सिंपल कमरे मे ही अपना ज्यादा समय काटना |

विनोद तो खडे हो उदास हो कर बोले,क्या आनंद ?? मुस्कुराते हुए बोले-अरे विनोद,मेरी छोडो,मुझसे ज्यादा तो परी ने त्याग किया है, अरे इतनी अमीर होने के बाद भी, उसे कभी घमंड नही आया, इतना ही नही, तेरे बेटे ने जिस तरह परेशानी मे दिन काटे हैं ना?

उसी तरह परी भी एक वेटर की तरह आज तक रही है, तुम्हे एक बात और बताऊँ विनोद,हमारे 80 करोड के टर्न-ओवर को 600 करोड के टर्न-ओवर मे ले आई है परी | विनोद ने तालियों की बरसात कर दी |

इतना सुन समर्थ ने परी की ओर देखा,फिर विनोद से बोला-पापा,आपके दोस्त सच मे किसी हीरे से कम नही है,और आप बहुत अच्छे जौहरी | आनंद जी ने सबका ध्यान बांटने बोले,(ताली बजाते)चलो-चलो कुछ खाते हैं,बडी जोर की भूंख लगी है यार,फिर कल की पर्टी की तैयारी भी तो करनी है….सब हंसे,सबने हंसते-मुस्कुराते बहुत दिनो बाद मिल-कर खाना खाया |

शीन-16,
अगले दिन विनोद के साथ आनंद,पर्टी मे सभी मेहमानो का वेलकम करते हुए | समर्थ ने विनोद को किनारे बुलाया,विनोद के पूँछने पर समर्थ बोला-पापा,आप यहीं रुक कर किसी की पहचान करना है, विनोद बोले-पर बेटा किसे ?समर्थ बोला-पापा,जिसके कारण मै आपसे 15 साल जुदा रहा,आप बस मेरे फोन के साथ जुडे रहिये |

इतना कह समर्थ परी भंडारी के पास जा खडा हुआ,मेहमान आ रहे हैं,तभी एक मेहमान आये,परी गौतम के साथ उसके पिता,राइट हांथ मे 6 उंगली हैं,और हांथ मे डायमंड से चम-चमाता हुआ D.G.लिखा ब्रासलेट है |

समर्थ ने पापा को ब्लूटूठ कनेक्ट फोन से बोला-पापा,आप इनको देखिये,ये जो बडा सा हैड पहने हुए है,इधर..इधर, हाँ ये,मै हांथ मिलाने जा रहा हुं |

कुछ ही पल मे समर्थ ने हेल्लो सर,वेलकम कहा विनोद की नजर उसके 6 उंगली वाले हांथ और उस पर पडे ब्रासलेट( D.G.लिखा है )पर पडी,विनोद बोले-बेटा,ये..ये तो वही है,मुझे सब याद आ गया,तुम इसे अन्दर भेजो,मै आता हुं |

समर्थ ने उस खास मेहमान को अन्दर भेजा,परी गौतम भी सिर लटकाये हुए साथ मे गई | उसके जाते हुए विनोद,आनंद, परी भंडारीऔर समर्थ सब एकत्र हुए, विनोद ने पूंछा, समर्थ,,ये यहां कैसे,तुम्हे कैसे पता चला ??

समर्थ बोला-पापा,उसकी बेटी परी गौतम मेरी दोस्त थी, मैने सोचा उसे भी पर्टी मे बुलाऊँ,मै उसे इनवाईट करने उसके घर गया,उसके पापा मिले,उन्हे देख मेरी नजर उनके हांथ मे पडी (भाबुक होते हुए बोला) और मैने माँ के कातिल को पहचान लिया |आनंद बोले-श्याबास बेटा,लेकिन साबित कैसे करेंगे ??

तभी विनोद को याद आया,उसने गोली चलाई थी, जो डॉन के लेफ्ट कांधे मे लगी थी | अब परीक्षा ग्रुप पहले से अधिक पावर-फुल हो चुका था,पार्टी मे बहुत बडे-बडे लोग, नेता, अधिकारी लोग आये हैं, आनंद जी ने पार्टी मे आये कलेक्टर साहब,डी.एस.पी., जज साहब और कई बडे अधिकारियों को एक कमरे मे एकत्र कर विनोद को पेश किया |

अब विनोद ने अपनी आप-बीती (मूक भांषा मे) सुनाई,बीच मे समर्थ भी मदद करता है,बात होने के बाद,जज साहब बोले-बिना किसी सबूत के पकडेंगे कैसे ?? तब विनोद बोले-सर,मैने उसकी गन से फायर किया था,उसके लेफ्ट कंधे पर गोली लगी थी,मेरे बेटे समर्थ ने एक बार देख कर उसे पहचान लिया |

समर्थ बोला-सर,आप साब यहीं रुकिये,मैं अभी आया | समर्थ बाहर आया,परी भंडारी के कान मे कुछ बोला,परी भंडारी मिनी और तनिस्का के साथ निकले,समर्थ परी गौतम के पिता को कमरे मे ले कर आया,गेट बन्द कर दिये |

परी गौतम के पिता ने सबको एक साथ देख घबराया,जैसे ही उसने विनोद को देखा,उसका हलक सूख गया,विनोद बोला-आओ मिस्टर D.G.,कंधे की चोट कैसी है,D.G.घबरा गया,बोला-क..क…कैसी च..चोट ??

विनोद बोले-वही चोट, जब तुम मेरी बीबी को गोली मार भागे थे,तब उसी गन से मैने तुम्हे मारा,तो तुम्हारे लेफ्ट कंधे पर लगी | सभी अधिकारियों ने प्रेशर डाला, तभी D.G.ने कोट उतारा, सर्ट उतारी तो कंधे के निशान को गाडी ऐक्सीड़ेंट बताया | समर्थ बोला-अंकल,आपकी बेटी परी, हमारे पास है और भी बहुत बातें हैं,जो उसने बताई है, आप कहें तो बुलाऊँ परी को ?? मिस्टर दिलीप गौतम जी |

D.G.विनोद के पैरों पर बैठ बोला-मुझे माफ कर दो साहब, मै तो बस डराने आया था, वो गन धोखे से चल गई थी,मैं किसी को मारने के इरादे से बिल्कुल नही आया था,आप सच कह रहे हैं,(बांह पर हांथ रखते हुए ) ये वही निशान है |

मेरी बेटी को कुछ मत करना,उसे छोड दो |विनोद बोले-तुम्हारी एक गलती ने मेरी दुनिया ही उजाड दी | जज बोले-विनोद जी, कानून से गलती हुई है, जो जुर्म आपने किया ही नहीं, उसकी सजा आपको मिली |

अब आप फैसला करें, असली गुनेगार को क्या सजा दी जाये |आनंद की ओर देखते विनोद ने कहा-इसने अपना गुनाह स्वीकार किया है,इसे सजा देने से मेरी भर-पाई तो नही हो सकती, लेकिन इसका परिवार बिखर जयेगा | मुझे लगता है इसे माफ कर देना चाहिये |आनंद और समर्थ ने भी सहमती दी |

आंसू बहाता D.G.हांथ जोड कर बोला-विनोद जी,आनंद जी,बेटा समर्थ मेरी कभी भी,किसी भी तरह की जरूरत पडे,मुझे याद करना,आप मेरी जान भी मांगेंगे,तो भी मै पीछे नही हटूँगा | एक बार फिर हांथ जोड माफी मांग चला गया |साब बरिस्ठ अधिकारियों ने विनोद के इस फैसले की तारीफ की |

शीन-17,
पार्टी के बीच मे आनंद भंडारी एक अनाउंस किया-आज बहुत दिनों बाद हमारे परीक्षा ग्रुप मे खुशी आई है,इस खुशी के मौके पर हम दोनो दोस्तों ने एक फैसला लिया है,हमारे बच्चे बडे हो गये हैं,मुझे खुशी है की मेरी बेटी परीक्षा,जिसे आप सब परी के नाम से जानते हैं |

और मेरे दोस्त विनोद का बेटा समर्थ,जिसे आप सब नहीं जानते (समर्थ के कंधे पर हांथ रखते हुए )ये,आज इस खुशी के मौके पर परी और समर्थ की शादी का ऐलान करता हुं | तालियों की गूंज के बीच आनंद बोले- मै चाहता हुं,की मेरा दोस्त विनोद कुछ कहे |

विनोद उठ कर आये,माइक लेते हुए बोले-आप सब ने जो भी सुना सब सच है, हमारे बच्चे एक-दूसरे को पसंद करते हैं, मेरे दोस्त की बेटी बहुत मेहनती है, साक्षात माँ लक्ष्मी का अवतार है, बहुत गुणी है, इसलिये माँ सरस्वाती भी हैंऔर सब के लिये दिल मे ममता भी है, दया भी है,आप ये मानें की परी किसी भी देवी से कम नहीं है, मेरा दोस्त आनंद, जाने कितने पुन्या के बाद ऐसा दोस्त मिलता है, मेरे ऊपर इतने एहसान किये है, तभी आनंद ने विनोद से माइक लेते हुए विनोद के गले लग गये | परी और समर्थ की इंगेजमेंट की गई, सबने आशीर्वाद दिया,तालियों की बौंछार हुई |

“समाप्त”

लेखक:  सुदीश भारतवासी

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