Kallu ki insaniyat
Kallu ki insaniyat

कल्लू की इंसानियत

( Kallu ki insaniyat )

इक पड़ोसी ने दूसरे पड़ोसी से कहा ये जो नया पड़ोसी कल्लू आया है एकदम खराब है यह अच्छा इंसान नहीं है, यह सुनकर दूसरे पड़ोसी ने तीसरे से कहा ये जो नया पड़ोसी आया है बहुत खराब है ।

तीसरे ने चौथे से कहा, चौथे ने पांचवे से कहा, पांचवे ने छठे से कहा ऐसे करते-करते पूरे मोहल्ले में यह शोर हो गया कि नया वाला पड़ोसी खराब है।

यह सब सुनकर नया वाला पड़ोसी परेशान हो गया फिर भी वह खामोशी से सुनता रहा, मन ही मन मुस्कुराता रहा । एक दिन वह सुबह सुबह उठा सोचने लगा कि अभी मुझे यहां आये मात्र 5 दिन हुए और लोगों ने मेरे बारे में न जाने क्या-क्या हवा उड़ा दीया ?

आखिर मेरा अपराध क्या है ?जो लोग मुझे बुरी नजर से देखते हैं। वह सोचता है कि आज मैं इस रास्ते से नहीं जाऊंगा दूसरे रास्ते से जाऊंगा।

वह दूसरे रास्ते से जा रहा था की रास्ते में दो औरतें बात कर रही थी कि हम अभी उस इंसान से मिले नहीं और हम दूसरे के कहने पर उसे बुरा मान लिया तो दूसरी औरत बोली यार लोग कह रहे हैं तो सही कह रहे होंगे ।

जब और आगे आगे गया तो वहां दो लोग बात कर रहे थे एक कह रहा था यार कल्लू इतना काला है कि उसका चेहरा मुझे नहीं पसंद ऐसे ही दूसरे ने कहा सही कह रहे मुझे भी ।

यह सब सुनकर वह घर आकर अपनी पत्नी से कहने लगा कि लोग मेरे बारे में ऐसा ऐसा कहते हैं पत्नी ने कहा कोई बात नहीं आप मेरी नजर में सही है और लोगों का काम है कहना कहने दीजिए।

लेकिन कल्लू का मन अब मोहल्ले से नहीं लग रहा था वह मन ही मन कुढ़ता रहा , वह विचार बना रहा था कि कल मैं अपने परिवार को यहां से कहीं नई जगह पर शिप्ट कर दूंगा सोचते सोचते रात हो गई उसकी पत्नी ने खाना बनाई और वह खा पीकर सो गया।

फिर अचानक उसी रात रामदीन के लड़के को सर्प काट लिया रामदीन के बच्चे पत्नी सब रोने लगे आवाज सुनकर मोहल्ले वाले सब इकट्ठा हुए बोलने क्या हुआ क्या हुआ ।

मोहल्ले में हलचल मच गया कि राम दिन के लड़के को सर्प काट लिया शोर शराबा सुनकर कल्लू के पत्नी की नींद खुली शोर सुनकर उससे रहा नहीं गया और वह बाहर आई और देखा कि बच्चे की तबीयत बहुत खराब होती जा रही है।

एक बुजुर्ग से पूछती है चाचा बच्चे को क्या हुआ चाचा ने बताया बेटा इसे सर्प काट लिया है और यहां आस-पास कोई झाड़ने फूकने वाला या वैद्य नहीं है ना ही जाने का साधन है।

अब भगवान भरोसे यह सुनते ही कल्लू की पत्नी कल्लू के पास आती है और कहती है सुनिए जी अपने मोहल्ले में जो रामदीन भैया नहीं है उनके लड़के सर्प काट लिया है और आप जा के कुछ करिए।

कल्लू बोला क्या करें लोग मुझे अभी बुरा भला कहेंगे। यह सुनते ही कल्लू की पत्नी बोली कि आप को लोग भले कुछ भी कहेंगे लेकिन वह बच्चा आपको कभी कुछ भला बुरा कहा है क्या, अगर उस बच्चे के स्थान पर अपना बच्चा होता तो आप क्या करते?

आखिर हम लोग इंसान हैं जो इंसान एक दूसरे के काम न आए फिर ऐसे जिंदगी से क्या फायदा? पत्नी की दयालुता सुनकर कल्लू उठा और अपना बैग लिया, बच्चे के पास पहुंचा दवा पीसकर लगाया झाड़-फूंक किया 15 मिनट बाद बच्चे को चेता आया और बच्चा खड़ा होकर घूमने लगा।

कल्लू को लगा कि अब बच्चा सही हो गया फिर कल्लू दवा कर वहां से अपने घर आकर सो गया। सुबह-सुबह रामदीन लोगों को लेकर उसके घर गया और माफी मांगने लगा बोला कल्लू भाई हमें माफ कर दीजिए।

हमने ही मोहल्ले में सबसे पहले आपको गलत समझा और पूरे मोहल्ला में आपके प्रति लोगों को भड़काया ,आज आप ना होते तो हमारा बच्चा ना होता रामदीन रो-रोकर माफी मांगने लगा और कहने लगा कल्लू भैया हमें माफ कर दीजिए।

यह सुनकर कल्लू रोते हुए कहा कोई बात नहीं भाई आखिर हम इंसान है इंसानियत हमारी पूजा है, हम सब ईश्वर के बनाए पुतले हैं कोई गोरा ,कोई काला ,कोई सुंदर तो कोई कुरूप है तो इसमें इंसान की क्या गलती है ?

यह तो उस परमात्मा की बनाई हुई संरचना है इस पर हम भला क्या गुमान करें ? इसलिए कभी किसी को बिना जाने, बिना परखे बिना सोचे -समझे कुछ नहीं कहना चाहिए ,अगर आपको कोई अच्छे नहीं लग रहे हैं तो आप मत बोलिए पर दूसरों से यह मत कहिए ।

अगला इंसान सही नहीं है, क्योंकि हवा गंद हो या सुगंध हो जब चलती है तो साथ में लेकर चलती है जिसके पास से गुजरती है उसे पता चलता है कि यह गंध है की सुगंध है ।

इसलिए आप अपना कर्म करते रहिए लोगों की मदद करते रहे, उस परमात्मा के पास देर है अंधेर नहीं इतना सुनकर मोहल्ले के लोगों ने कल्लू से माफी मांगी और फिर लोगों ने कल्लू को वैद्य की उपाधि नवाजा।

अब सब लोग कल्लू को वैध जी वैद्य जी कहकर इज्जत सम्मान करते हैं। अब कल्लू जब घर से निकलता हैं तो मुहल्ले के वही लोग उसे नमस्कार करते ,चाय के लिए बुलाते । इस कहानी का तात्पर्य है कि व्यक्ति की सुंदरता उसके गुणों में निहित है ना की हुस्न में।

 

?

Dheerendra

कवि – धीरेंद्र सिंह नागा

(ग्राम -जवई,  पोस्ट-तिल्हापुर, जिला- कौशांबी )

उत्तर प्रदेश : Pin-212218

यह भी पढ़ें :

चुहिया की शादी

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here