जया बच्चन से जुड़ी कुछ कही अनकही बाते
हर किरदार में अपनी छाप छोड़ने वाली जया बच्चन का आज जन्मदिन है । जय बच्चन का जन्म 9 अप्रैल 1948 को मध्यप्रदेश के जबलपुर में हुआ था । उनके पिता तरुण कुमार भादुड़ी अमिताभ बच्चन के पिता की तरह ही मशहूर लेखक व कवि थे ।
जया बच्चन की पहचान एक बेहतरीन अभिनेत्री और अभिताभ बच्चन की पत्नी के रूप में है । जया बच्चन राजनीति में भी काफी सक्रिय है । जया बच्चन के बचपन में घर में पढ़ाई लिखाई का माहौल होने की वजह से इंकार यहां शुरू से ही कला और साहित्य में रहा है । जया बच्चन ने अपने फिल्मी सफर में कुल 9 फिल्म फेयर पुरस्कार जीते है ।
जया बच्चन तीन बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री और तीन बार सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री का पुरस्कार जीत चुकी है । अगर बात करें जया बच्चन के फिल्मों में आने की तो इसमें काफी बड़ा योगदान शर्मिला टैगोर कर रहा है । एक बार की बात है जया बच्चन के पिता फिल्म की शूटिंग दिखाने के लिए ले गए थे जहां पर शर्मिला टैगोर ने जया को देखा ।
उस समय फिल्म निर्माता सत्यजीत ने अपनी एक फिल्म में हीरोइन की तलाश कर रहे थे जो एक विशेष किरदार निभा सकें । तब शर्मिला टैगोर ने उन्हें जया का नाम सुझाया था और यहीं से जया भादुड़ी का फिल्मी सफर शुरू हुआ । लेकिन इसके बाद जया अपनी पढ़ाई के लिए एफटीआईआई चली गई ।
लेकिन इस बीच निर्माता निर्देशक अभिषेक मुखर्जी ऋषिकेश मुखर्जी वहां के प्रिंसिपल से बात करके आया को अपने फिल्म “गुड्डी” में काम करने के लिए मना लिया । जया बच्चन और संजीव कुमार का रिश्ता बहुत गहरा रहा है । दोनों ने साथ मे ‘अनामिका’ फ़िल्म में साथ में काम किया था । उसके बाद ‘कोशिश’ में और ‘परिचय’ ने काम किया ।
संजीव कुमार ने एक बार कहा कि फिल्म ‘अनामिका’ में जया बच्चन की हीरोइन बनी, ‘कोशिश’ में उनकी पत्नी बनी, ‘शोले’ में उनकी बहू और ‘परिचय’ में उनकी बेटी का किरदार निभाया । उनकी बस एक ही ख्वाहिश हैं कि किसी फिल्म में वो जया के बेटे का किरदार निभाये ।
जया और अभिताभ की पहली मुलाकात एफटीआईआई में हुई थी । कुछ लोग तो यह भी कहते है दोनों को पहली नज़र में ही प्यार हो गया था । 1983 में जब कोई भी अभिनेत्री अभिताभ के साथ काम करने को राजी नही हुई तो जया राजी हो गई और दोनों ने साथ मे जंजीर फ़िल्म में काम किया और यह फ़िल्म सुर हिट हो गई ।
दोनों छुट्टियां मनाने विदेश जाना चाहते थे तो इनके घर वालो ने कहा पहले शादी कर लो फिर जाओ । शोले फ़िल्म करने के दौरान ज्यादा प्रेग्नेंट थी और श्वेता को जन्म दिया फिर अभिषेक को ।
यह भी पढ़ें : हिंदी सिनेमा के शुरुआती दौर की अभिनेत्रियां और उनकी संघर्ष गाथा
कहा जाता है जब इनकी बेटी श्वेता छोटी थी वो एक बार एक बात बोली कि आप हमारे साथ घर पर क्यो नही रहती सिर्फ पापा को काम करने दो । ये बात जया को हिला दी और फिर वो फिल्मों से किनारा कर ली थी । एक लंबे ब्रेक के बाद जया ने 1998 में वापसी की और ‘हजारे चौरासी की मां’ फिर फिजा फिर कभी खुशी कभी गम में काम किया ।
फिर राजनीति की तरफ रुक कर के समाजवादी पार्टी की सदस्य बन गई । आज कल जया राजनीति में काफी सक्रिय है और रियल लाइफ में दादी नानी का किरदार और फर्ज निभा रही है ।