नजरिया जिंदगी के प्रति

नजरिया जिंदगी के प्रति

नजरिया यानी कि एटीट्यूड हमारी जिंदगी का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा ही । जिंदगी के हर हिस्से में इसका काफी योगदान होता है । हर इंसान अलग होता है । हर इंसान की सोच अलग होती है और हर कोई अपने आप में एक अलग सोच रखता है । इसीलिए  हर इंसान का नजरिया भी अलग अलग होता है ।

इंसान किसी भी मसले पर अपनी राय अपने अनुभव और अपने नज़रिये के अनुसार ही रखता है । कभी-कभी एक इंसान की नजर से जो चीज सही होती है वही चीज दूसरे की नजर से गलत होती है । किसी भी इंसान का नजरिया उसके आसपास के माहौल, उसकी खुद की जिंदगी के अनुभव और परिस्थितियों के आधार पर ही बनता और विकसित होता है । इंसान का नजरिया समय के साथ विकसित और परिपक्व हो जाता है ।

इंसान सामाज में रहता है और समाज से जुड़ा हुआ है । कोई भी व्यक्ति जो भी फैसला करता है वह अपने नजरिया और अपने अनुभव के आधार पर करता है । लेकिन उसके फैसले से उसके आसपास के लोग और समाज प्रभावित होते हैं । किसी भी मसले के संदर्भ में एक सकारात्मक नजरिया उस इंसान के साथ साथ समाज को भी एक सकारात्मक दिशा की ओर ले जाते हैं ।

अपनी जिंदगी में एक सकारात्मक नजरिया रखना काफी ज्यादा महत्त्व रखता है । जैसे एक इमारत के लिए उसकी बुनियाद का मजबूत होना जरूरी होता है उसी तरीके से इंसान की सफलता के लिए उसकी एक मजबूत बुनियाद जरूरी होती है और इंसान की बुनियादी उसका नजरिया होती है ।

नजरिया जिंदगी के पर्सनल और प्रोफेशनल दोनों लाइफ में प्रभाव डालता है । किसी भी क्षेत्र में हम काम करें अगर हमें कामयाबी चाहिए तो उसका सीधा संबंध काफी हद तक हमारा नजरिया होता है । कोई भी व्यक्ति जन्मजात नज़रिया ले कर पैदा नहीं होती है बल्कि नजरिया आसपास के परिवेश अनुभव और शिक्षा पर निर्भर करती है ।

इंसान का नजरिया उसके आस पास के माहौल पर निर्भर करता है । अच्छे माहौल में रहने पर व्यक्त की काम करने की शक्ति बढ़ जाती है और एक बुरे माहौल में रहने पर इंसान की कार्यक्षमता गिर जाती है ।

सकारात्मक और नकारात्मक दो भागों में नजरिए को बांटा जा सकता है । सकारात्मक नजरिए वाले व्यक्ति काफी धैर्यवान और आत्मविश्वास से लबरेज और आशावादी होते हैं और दूसरो का ख्याल रखते हैं । वही जो लोग नकारात्मक नजरिए जिंदगी के प्रति अपनाते हैं उनमे जिंदगी के प्रति निराशा होती है वे आलसी होते हैं तथा और काम के प्रति टालमटोल का रवैया अपनाते हैं । इंसान का नजरिया है उसकी शख्सियत का आधार बनती है ।

इंसान का नजरिया कोई एक दिन में विकसित होने वाली चीज नहीं है । यह समय के साथ अपने आप विकसित होती है । एक सकारात्मक नजरिया अपनाने के लिए जरूरी है कि अपनी सोच को सकारात्मक दिशा में ले जाया जाए और जिंदगी में जो भी कुछ मिले उसके प्रति ईश्वर का एहसानमंद होना चाहिए ।

चलिए नजरें को हम कुछ ऐसे समझने की कोशिश करते हैं –  यदि किसी जगह पर हम गणित का अंक 6 लिख दे.. यह एक व्यक्ति को 6 नजर आएगा तो वहीं दूसरी तरफ से देखने पर यह 9 नजर आएगा । लेकिन यह भी सिर्फ उनका नजरिया है की किसी को वह 6 नजर आ रहा है तो किसी को 9 नजर आ रहा है ।

ऐसे दूसरा उदाहरण है गिलास में कुछ पानी होना.. गिलास में कुछ पानी भरा होने पर कुछ सकारात्मक नज़रिये वाले लोगो को गिलास आधा भरा नज़र आएगा तो वही गिलास कुछ लोगो को आधा खाली नज़र आएगा । हर व्यक्ति किसी भी  वस्तु और घटनाओं को अपने-अपने नजरिए से देखता है । ऐसे ही भिन्न-भिन्न मुद्दों पर लोगों के अलग-अलग राय होती है ।

कुछ लोग हर जगह सुख और खुशी तलाशने में लगे होते हैं तो कुछ लोग सुख और खुशी को अपनी तरफ आकर्षित करने में लगे हुए हैं । वही कुछ लोग को हर बात से शिकायत होती है । जिंदगी के प्रति सकारात्मक नजरिया अपना कर हर तरफ खुशी देखने से हम हमेशा खुश रहेंगे और अगर हम दुख देखेंगे तो हम कभी भी दुख से छुटकारा नहीं पा सकेंगे ।

ऐसे में सबसे जरूरी है कि हम जिंदगी के प्रति सकारात्मक नजरिया अपनाएं और अपने आसपास हर चीज में खुशी की तलाश करे । अगर जिंदगी और सफलता के प्रति सकारात्मक नजरिया अपनाया जाए तो जिंदगी आसान हो जाती है और इंसान सफलता की सीढ़ियां चढ़ता जाता है ।

छोटी मोटी चुनौतियों से घबराने के बजाय उनका सामना हमें हिम्मत और धैर्य के साथ करना चाहिए और इस विश्वास के साथ कि हम किसी भी चुनौती का सामना कर लेंगे और उससे पार पा लेंगे । तो फिर कितना भी मुश्किल क्यों ना हो हम हर चुनौती का सामना करके अपनी मंजिल तक जरूर पहुंचते हैं । तो हमेशा अपनी सोच को अपने नजरिए को सकारात्मक रखने की कोशिश करनी चाहिए और जिंदगी के प्रति एक सकारात्मक रवैया अपनाना चाहिए ।

हमेशा अपने आसपास खुशियों की तलाश करनी चाहिए और अपने आसपास लोगों को प्रेरित करने की कोशिश करनी चाहिए और सब को खुश करने की कोशिश करनी चाहिए लेकिन इसके लिए सबसे जरूरी है खुद को खुश रखना ।

कोई भी काम अगर खुश होकर किया जाता है तो वह बहुत जल्दी पूरा हो जाता है और उसमें सफलता भी मिलती है । कोई काम जब बेमन से किया जाए तो उसमें निराशा ही हाथ लगती है ।

तो यह हमारा नजरिया ही होता है कि हम किस नजरिए से कोई भी काम करते हैं अगर हमारा नजरिया सकारात्मक है और हम उसके प्रति हिम्मत और सब्र से काम ले रहे हैं तो हम हर मुश्किल का सामना कर लेते हैं और हर चुनौती से पार पा लेते है ।

जिंदगी को जिंदगी बनाने में नज़रिया बहुत मायने रखता है ।

लेखिका : अर्चना 

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