साहित्यिक एवं सांस्कृतिक मंच सन्दर्श के बैनर तले साहित्य संगोष्ठी

“यश विला” में साहित्यिक एवं सांस्कृतिक मंच सन्दर्श के बैनर तले साहित्य के अनुष्ठान में आचार्य कवि नगेन्द्र शर्मा चिड़ावा को साहित्य -रत्न से अलंकृत व साहित्य संगोष्ठी

 

नवलगढ़ साहित्यिक एवं सांस्कृतिक मंच सन्दर्श के बैनर तले स्थान “यश -विला” में चिड़ावा निवासी आचार्य कवि श्री नगेन्द्र शर्मा चिड़ावा के सम्मान में एक विशाल साहित्य गोष्ठी का आयोजन किया गया । सबसे पहले साहित्य गोष्ठी के अतिथि कवि को मुख्य अतिथि बनाया गया और साहित्य गोष्ठी की अध्यक्षता श्रीमान चिरंजीलाल जी सैनी ने की।

सर्व प्रथम मां सरस्वती को दीप प्रज्वलित कर पुष्प माला अर्पित कर कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन किया गया । तत्पश्चात् श्री सीताराम जी शर्मा गुरुजी ने सरस्वती वंदना कर सम्मान समारोह व साहित्य संगोष्ठी का विधिवत आगाज़ किया । स्थानीय साहित्य प्रेमी जनों ने कार्यक्रम में एक से बढ़कर एक प्रस्तुति दी ।

जिसमें रमाकांत सोनी, मुरली मनोहर चोबदार, राजकुमार जोया, रिद्वकरण बासोतिया , सज्जन कुमार जोशी , हरेन्द्र त्यागी, श्री कैलाश शर्मा “गोविन्द” कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि श्री जगदीश जी जांगिड़ ,रहे ।

राजेश जैन , श्री सुधाकर जी श्रीवास्तव, श्री रामकुमार सिंह राठौड़, विशिष्ट अतिथि पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी श्री दीपचंद पंवार रहे । श्री कान्त पारीक “श्रीराजस्थानी ” ।

भाजपा के किसान मोर्चा के जिला अध्यक्ष श्री मोहन लाल जी सैनी चुडी़वाला , श्री फूलचंद जी सैनी मास्टर जी आदि ने अपनी प्रस्तुति देकर साहित्य संगोष्ठी को काफी ऊंचाई दी ।

मुख्य अतिथि आचार्य कवि श्री नगेन्द्र शर्मा चिड़ावा का साफ़ा , शाल, श्रीफल , सम्मान -पत्र (साहित्य-रत्न) तथा पुष्प हार, पहनाकर अभिनंदन सम्मान साहित्य रत्न से सम्मानित किया गया । सम्मान से पूर्व अतिथि कवि ने काव्य पाठ किया हर विधा में अपने अंदाज में खुलकर एक से बढ़कर एक प्रस्तुति दी ।
और सभी सुधी श्रोताओं ने तालियां से कार्यक्रम को चार चांद लगा दिए ।

अध्यक्षता कर रहे श्री चिरंजीलाल जी सैनी ने अपने उद्द्बोधन में साहित्य के महत्व और साहित्य के माध्यम से साहित्यकारों द्वारा देश और समाज में संस्कारित महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है के लिए अच्छा सन्देश दिया ।

साथ ही साहित्य भारतीय भागीरथी संस्कृति का सेतु है । हार्दिक शुभकामनाएं प्रेषित कर सभी साहित्यकारों को राष्ट्रीय कवियों और साहित्यकारों का अनुसरण करने का आव्हान किया ।

कार्यक्रम का कुशल संचालन श्री सुरेश कुमार जांगिड़ नवलगढ़ ने किया। संस्था के निदेशक श्री अरविन्द जी वशिष्ठ अस्वस्थ होने के कारण थोड़ा समय सिर्फ सम्मान में ही अपनी उपस्थिति दर्ज कराई संस्था प्रधान सुश्री सौम्या वशिष्ठ की उपस्थिति भी नाममात्र की रही ।

कार्यक्रम के सूत्रधार और संयोजक श्री टी.एम.त्रिपाठी जी ने अन्त में संस्था की तरफ से आभार व्यक्त किया ।

संस्था के स्टाफ और गणमान्य लोगों व सुधी श्रोताओं ने साहित्य गोष्ठी को खूब ऊंचाई प्रदान करने में भूमिका निभाई ।
राष्ट्रीयगान के साथ सम्मान समारोह और साहित्य गोष्ठी को विराम देने की घोषणा की।

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