मैं आ रहा हूँ | Main Aa Rahan Hoon
मैं आ रहा हूँ
( Main Aa Rahan Hoon )
कान तरस गए यह सुनने को,
“मैं आ रहा हूँ”
एक बार तो कह दीजिए प्रभु!
“मैं आ रहा हूँ”
अँखियाँ बिछा देती मैं राह में,
बांवरी मैं हुई आपकी चाह में,
कब से राह मैं तक रही हूँ,
सहन पीड़ा करने कैसे सक रही हूँ,
कह दीजिए प्रभु! तपस्या सफल हुई,
“मैं आ रहा हूँ”।।
अँखियाँ पथरा गई राह तकते,
दर्शन अभिलाषा हेतु नहीं थकते,
विरह में इतना जलाना सही नहीं,
चाहत तो आपकी कम कहीं नहीं,
कह दीजिए प्रभु ! प्रतीक्षा सफल हुई,
“मैं आ रहा हूँ”।।
अंसुवन जल से मैं पग धोऊँगी,
चरणों में शीश रख चैन से सोऊँंगी,
अपने प्रेम से मुझे सहलाने को,
व्यथित हृदय मेरे बहलाने को,
कह दीजिए प्रभु! अराधन सफल हुई,
“मैं आ रहा हूँ”।।
रचयिता – श्रीमती सुमा मण्डल
वार्ड क्रमांक 14 पी व्ही 116
नगर पंचायत पखांजूर
जिला कांकेर छत्तीसगढ़
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