अच्छे दिन वाले शहर की हकीकत | Kavita
अच्छे दिन वाले शहर की हकीकत ( Achhe din wale shahar ki haqeeqat ) एक गरीब बेचारा रहता था फकीरी में बेबस लाचार सहकर दुनिया भर के अत्याचार एक दिन सोचा अब यहां रहना है बेकार। चलो चलें कहीं और ? जहां सुकुन से मिले दो वक्त कौर। कहां जाएं? इस पर उसने…