अज़ान | Poem on Azaan in Hindi
अज़ान ( Azaan ) ***** मोमिनों की शान खुदा का फरमान बुलावे की कलाम होती पांच वक्त अज़ान। जब हो जाए नमाज़-ए-वक्त, मुअज्जिन लगाते- आवाज़ -ए- हक़। सुन नमाज़ी दौड़ पड़ते- मस्जिदों की ओर, कुछ नहीं भी पढ़ते दिखाकर अपनी बीमारी कामों की फेहरिस्त और व्यस्तताओं का हवाला दे करते हैं इग्नोर । अभी…