आखरी सत्य

आखरी सत्य | Kavita Aakhri Satya

आखरी सत्य ( Aakhri Satya ) बहुत दिनों से मेरी फड़क रही थी आँखे। कोई शुभ संदेश अब शायद मिलने वाला है। फिर एकका एक तुम्हें आज यहाँ पर देखकर। दिल अचंभित हो उठा तुम्हें सामने देखकर।। बहुतों को रुलाया हैं जवानी के दिनों में। कुछ तो अभी जिंदा है तेरे नाम को जपकर। भले…