आदत नहीं है मेरे दोस्तों | Ghazal aadat nahi hai
आदत नहीं है मेरे दोस्तों, मुहब्बत है यह ( Aadat nahi hai mere dosto muhabbat hai yah ) एक अनोखा रिश्ता शब् से बदलती कहाँ है पत्थर है तो दरिया में से उभरती कहाँ है आदत नहीं है मेरे दोस्तों, मुहब्बत है यह मेरे चाहने भर से यह छूटती कहाँ है जान…