आशा की काँवड़ | Geet Asha ki Kavad
आशा की काँवड़ ( Asha ki Kavad ) चढ़ी रही आशा की काँवड़ , झुके हुए इन कंधों पर . हरियाली कुर्बान रही बस, कुछ सावन के अंधों पर . पाँवों को पथरीले पथ ने , दिए सदा मारक छाले . क्रूर काल ने क्षुधित उदर को , भी , गिनकर दिए निवाले . फूलों…