इधर भी उधर भी

इधर भी उधर भी

इधर भी उधर भी ****** सब सम सा हो रहा है, लिए पताका कोई व्हाइट हाउस- तो कोई मस्जिद पर चढ़ रहा है। देता था जो दुनिया को जनतंत्र की दुहाई, चंद सिरफिरों ने उसकी करा दी जगहंसायी। देखो तो कैसे कैपिटल सिटी में? धमाके हो रहे हैं, मशालें लिए उस ऐतिहासिक इमारत पर- चढ़…