मन मानता नहीं !

मन मानता नहीं | Poem man manta nahin

मन मानता नहीं ! ( Man manta nahin )   उसी से मिलनें को मन मानता नहीं! मुहब्बत से वही जब बोलता  नहीं   वही ऐसे गुजरा है  पास से मेरे मुझे  जैसे वही के जानता नहीं   सफ़र यूं जीस्त का तन्हा नहीं कटता अगर वो साथ मेरा छोड़ता नहीं   नहीं होती जुदा…