किसी का ज़ोर न चलता यहां तक़दीर के आगे
किसी का ज़ोर न चलता यहां तक़दीर के आगे किसी का ज़ोर न चलता यहां तक़दीर के आगे। झुकाते सर सभी अपना इसी तासीर के आगे।। बला की खूबसूरत हो मिले कैसे कोई तुम सा। ठहरता जब नहीं कोई तिरी तस्वीर के आगे।। न करते घाव वो दिल पर…