खिलता हुआ गुलाब या कोई शराब हो
खिलता हुआ गुलाब या कोई शराब हो खिलता हुआ गुलाब या कोई शराब हो। कितना हसीन तुमको कहूं बेहिसाब हो।। मचले है जिसको देख के मस्ती भरा ये दिल। चढती हुई उमर का वो चढता शबाब हो।। देखे हसीन चहरे बहुत से खुदा कसम। तेरा नहीं जवाब कोई लाजवाब हो।। ख्वाबों…