खिल रहे है गुलाब पानी में !

खिल रहे है गुलाब पानी में | Gulab shayari

खिल रहे है गुलाब पानी में ! ( Khil rahe hai gulab pani mein )     खिल रहे है गुलाब पानी में! था पर वो  आफ़ताब पानी में   बारिशों ने सितम ऐसे ढाये घर बहे बेहिसाब पानी में   वो रोए है किसके लिये इतना ख़ूब भीगा नक़ाब पानी में   प्यार का…