ग़म से जीना सदा मुहाल रहा

ग़म से जीना सदा मुहाल रहा

ग़म से जीना सदा मुहाल रहा   ग़म  से जीना  सदा मुहाल  रहा।। फिर  भी  जीते  रहे कमाल रहा।।   क्यूं  दबे  हम ग़मों  के  बोझ तले। जिंदगी  भर   यही  मलाल  रहा।।   पास  रह   के  भी  दूर  -दूर   रहे। दूरियां   क्यूं  बढी   सवाल  रहा।।   याद   आती   रही   दुखाने  दिल। दिल  यूं  होता  सदा…