girmitiya mahakavya

कल्पना लालजी के गिरमिटिया महाकाव्य में भारतीय संस्कृति और परिवेश बोध – डॉ. राजेश कुमार ‘माँझी’

हम सभी जानते हैं कि बीसवीं सदी में अनेक भारतीय लोगों को कैरेबियन देशों अर्थात् फिज़ी, मौरिशस, सूरिनाम, गयाना, त्रिनिडाड आदि देशों में शर्तबंदी प्रथा के अंतर्गत भारत से ले जया गया जिन्हें गिरमिटिया मज़दूर के नाम से जाना जाता है । वे सशरीर भले ही विदेशों में रहे परंतु उनका मन भारत की सभ्यता,…