गुलो-गुलजार करती है दिलों को सार की बातें
गुलो-गुलजार करती है दिलों को सार की बातें गुलो-गुलजार करती है दिलों को सार की बातें। जुबां से फूल झरने दो करो बस प्यार की बातें।। दिलों को बांटते हैं जो रहे वो दूर ही हमसे। पङी इक ओर रहने दो सभी तकरार की बातें।। मुसलमां है न हिंदू है करे …