Hindi Kavita | चार लाइनें
बना दो या बिगाड़ो बना दो या बिगाड़ो अक्स को, चाहे सँवारो तुम। नही चाहत रहा मुझसे तो, चाहो तो भुला दो तुम। कोई तो मिल ही जाएगा, मिलन अपना नही तो क्या, सुनों संगदिल सनम मेरे, मिटा दो यादों को अब तुम। कवि : शेर सिंह हुंकार —0— हास्य चिकोटी अपने लबों को दांतो से…