जब तक जग से आस रहेगी
जब तक जग से आस रहेगी जब तक जग से आस रहेगी। दिल में कोई प्यास रहेगी।। कांटा बनके उम्मीदों की। चुभती हरदम फांस रहेगी।। रहबर कोई साथ न होगा। जिसकी तुझको तलाश रहेगी।। दिल के भीतर अरमानों की। यूं ही तिरती लाश रहेगी।। अश्क भरी होगी सब राहें।…