ज़माने की हुक्मरानी

ज़माने की हुक्मरानी | Ghazal Zamane ki Hukmarani

ज़माने की हुक्मरानी ( Zamane ki Hukmarani ) भरी दिमागों में जिन जिन के बेइमानी है उन्हीं के बस में ज़माने की हुक्मरानी है बना रहे हैं ये नेता सियासी मोहरा हमें नशे में मस्त मगर अपनी नौजवानी है सितम शिआर मेरा हौसला तो देख ज़रा कटी ज़बान है छोड़ी न हक़ बयानी है खड़े…