ढा रही है सितम ये हंसी आपकी

ढा रही है सितम सादगी आपकी

ढा रही है सितम सादगी आपकी     ढा  रही  है  सितम सादगी आपकी। कातिलाना अदा  यूं  सभी  आपकी।।   उस ख़ुदा की तरह दिल से चाहा तुझे। कर  रहा  है  ये  दिल  बंदगी आपकी।   महफिलों  में  गया  तो  वहां  ये लगा। खल रही है कहीं कुछ कमी आपकी।।   हुश्न तेरा वो दिल…