ढूंढ़ता क्या है तू दिल के पत्थरों में

ढूंढ़ता क्या है तू दिल के पत्थरों में

ढूंढ़ता क्या है तू दिल के पत्थरों में      ढूंढ़ता क्या है तू दिल के पत्थरों में ! प्यार नहीं है इन ज़रा भी जाहिलों में     नफ़रतों की सिर्फ़ होती बातें है है नहीं उल्फ़त ज़रा भी इन घरों में     झूठ आयेगा नज़र हर साफ़ तुझको देख हर चेहरा ज़रा…