जो बीत गयी वो बात नहीं

जो बीत गयी वो बात नहीं

जो बीत गयी वो बात नहीं   जो बीत गयी वो बात नहीं जो गुजर चुकी वो रात नहीं   मैं खाली हूँ अपनें पन से क्यों इश्क़ करुं मैं बेमन से   मैं टूट रहा लम्हा लम्हा हाँ जीता रहूंगा मैं तन्हा   अब तू भी नहीं तेरा साथ नहीं अब दर्द नहीं ज़ज्बात…