नहीं ह्रदय स्वीकार | Nahi Hriday Swikar
नहीं ह्रदय स्वीकार ( Nahi Hriday Swikar ) ओ प्राणों के प्राण तेरे बिन, जीवन है निस्सार। धड़कन निरपराध है बंदी ,तन बस कारागार।। सांसों सांसों में जलती है ,अखंड प्रेम की ज्योति। कह देती हूं आज तेरे बिन, नहीं ह्रदय स्वीकार। ओ प्राणों के प्राण तेरे बिन जीवन है निस्सार। याद तुम्हारी बनी है…