फूल चाहत

फूल चाहत

फूल चाहत     फूल मैंनें प्यार का भेजा उधर है ! नफ़रत का तेजाब आया वो इधर है   हो गया है गुम कहीं ऐसा कहां वो अब मुझे मिलती नहीं उसकी ख़बर है   इसलिए बेजार दिल रहता है मेरा जीस्त में मेरी ग़मों का ही असर है   ढूंढ़ता ही मैं रहा…