हर बशर जी रहा दर्द छुपाए हुए
हर बशर जी रहा दर्द छुपाए हुए हर बशर जी रहा दर्द छुपाए हुए। ग़म किसी भी तरह से भुलाए हुए।। दाग़ किसको दिखाएं ना आता समझ। सब नज़र आ रहे चोट खाए हुए।। साथ देता ना कोई बुरे वक्त पर। है हमारे सभी आजमाए हुए।। हाल-ए-दिल क्या सुनाए किसी शख्स…