बेटी की अभिलाषा

बेटी की अभिलाषा | Beti ki abhilasha par kavita

बेटी की अभिलाषा ( Beti ki abhilasha )  मां! मुझे गुरूकुल से न हटा, साफ-साफ बता? बात है क्या? यूं आंखें न चुरा! मैं अभी पढ़ना चाहती हूं, आगे बढ़ना चाहती हूं। किसी से नहीं हूं कम, रोको न मेरे कदम; तू देखी हो मेरा दम। आरंभ से अभी तक सर्वप्रथम ही आई हूं, न…