भ्रष्टाचार और दुराचार | Poem on corruption in Hindi
भ्रष्टाचार और दुराचार ( Bhrashtachar aur durachar ) कष्ट भरी जिंदगी में केवल भरा भ्रष्टाचार हैं भ्रष्टाचारी लोगो के सामने आज भगवान भी लाचार है किसी के मन में अब न स्नेह औरप्यार हैं और न किसी के ह्दय में नाहि सतगुण वाला सदाचार है लेकिन दुनिया को कहाँ पता प्रेम और…