Hindi Poetry -मकर संक्रांति
मकर संक्रांति चुड़ा गुड़ चीनी दही तिल का लगाओ भोग उत्तरायण का पर्व आज है मिलकर मनाओ लोग खिली धूप है ले बच्चों को किसी मैदान में जाएं ठंडी ठंडी हवा के झोकों संग खुलकर पतंग उड़ाएं। सूरज की तीखी किरणों से तन मन को नहलाएं सर्दी के भय को मन से निकाल लाएं…