महेन्द्र सिंह प्रखर की कविताएं | Mahendra Singh Prakhar Poetry
पति पत्नी : रोला छन्द पति पत्नी में आज , कहाँ हैं सुंदर नाता । पति भी जग में देख , रह गया बनकर दाता ।। पूर्ण सभी शृंगार , मात्र वो पति ही करता । फिर भी हर शृंगार , दिखावा उसको लगता ।। पति की खातिर मात्र , एक दिन सजनी सजती ।…