कागा की कविताएं

मायड़ की ममता | Maayad ki Mamta

रब बुला दो दुनिया से दिल भर गया रब बुला दोदुनिया से दिल उठ गया अब बुला दो बंद मुठ्ठी आया ख़ाली हाथ जाना जीना नहींदुनिया से दिल ऊब गया रब बुला दो बिना लंगोटी नंगे बदन आया कफ़न ओढ़ जाऊंगादुनीया से दिल बदल गया रब बुला दो छल कपट झपट कर धन दोलत जोडी…