मुस्कान ढूंढती है | Muskan Dhundhati Hai
मुस्कान ढूंढती है ( Muskan Dhundhati Hai ) जो लुट चुका है अब वो सम्मान ढूँढती है । नन्ही कली चमन में मुस्कान ढ़ूढती है । काँटों के वास्ते वो गुलदान ढूँढ़ती है नादान है जहाँ में इन्सान ढूँढती है बेबस है ज़िन्दगी और गर्दिश में भी सितारे अब मौत का वो अपने परवान ढूँढती…