मेरी मुहब्बत किसी और से मुहब्बत करती है
मेरी मुहब्बत किसी और से मुहब्बत करती है मेरी मुहब्बत किसी और से मुहब्बत करती है यह बात ज़रा सा दर्द तो सीने में जगाती है हजार लहो को बुझाकर रोशन हुआ में अब तो हर चराग मुझे जलाती है वह में नहीं तो क्या हुआ? उसे मुहब्बत तो है यही…