याद मां की आ गयी परदेश में
याद मां की आ गयी परदेश में मन नहीं लगता किताबों में मेरा याद मां की आ गयी परदेश में चाय पीकर दूर होती थी थकान मां की हाथों की बनी वो चाय से पास है मां के दिया पत्ते नीम के डायरी में क़ैद यादों की तरह पी रहा…
याद मां की आ गयी परदेश में मन नहीं लगता किताबों में मेरा याद मां की आ गयी परदेश में चाय पीकर दूर होती थी थकान मां की हाथों की बनी वो चाय से पास है मां के दिया पत्ते नीम के डायरी में क़ैद यादों की तरह पी रहा…