रहा हौंसला हर मुसीबत में भारी

Ghazal | रहा हौंसला हर मुसीबत में भारी

रहा हौंसला हर मुसीबत में भारी  ( Raha Hausala Har Musibat Me Bhari )     रहा  हौंसला  हर  मुसीबत  में भारी। न टूटी दुःखों में भी हिम्मत हमारी।।   मिटे दिल के अरमां रहे सोच के चुप। किसी रोज होगी हमारी भी बारी।।   लिखा हाथ की जो लकीरों में रब ने। वो छीनेगी…